जीवन मे सफलता पाना है तो इसे जरूर पढ़ें ।( सुविचार )
●▬ஜ۩ सुविचार ۩ஜ▬●
बुराई
होना भी 'जरूरी' है
यदि हर रोज़
'तारीफ़' मिलेगी तो 'आगे' नहीं 'बढ़' पाओगे!
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सिर्फ़ एक 'वादा'
अपने आप जिन्दगी में निभाना
जहां
तुम 'गलत' नहीं हो वहां 'सिर' मत झुकना।
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अपनी
'नाकामी' के लिए
दूसरों को 'दोष' देने से अच्छा
'क़ामयाबी' पाकर दूसरों के 'होश' उड़ा देना है।
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उन
साथियों को कभी न 'छोड़ें'
जो
दिल से 'अमीर' होते हैं लेकिन 'जेब' से नहीं।
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हृदय से अच्छे लोग
बुद्धिमान होने के बाद भी
धोख़ा खा जाते हैं,क्योंकि..
वे दूसरों को भी..
हृदय से अच्छा होने का
विश्वास कर बैठते हैं।
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किसी की
'मदद' करने के लिए
'हैसियत' नहीं 'नियत' होना जरूरी है।
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ज़िंदगी में खत्म होने जैसा
कुछ नहीं होता......
हमेशा , एक नई शुरुआत
आपका इंतज़ार करती है.!
महत्वपूर्ण यह नही की
आपकी उम्र क्या है....
महत्वपूर्ण है कि आप किस
उम्र की सोच रखते हो
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यदि आप
'मेहनती' और व्यवहार 'कुशल' हैं
तो
दुनिया की हर चीज
'प्राप्त' करने की 'ताक़त' आपमें है।
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शुभचिंतक
वो नहीं होते जो 'रोज़' आपसे 'मिले'
शुभचिंतक वो हैं
जो रोज़ आपसे न मिल सकें
फिर भी आपकी 'खुशी' के लिए 'प्रार्थना' करें।
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रिश्तों को
शब्दों का 'मोहताज़' न बनाइये
अगर
अपना कोई 'खामोश' है
तो ख़ुद ही 'आवाज़' लगाइये।
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'विनम्रता' और 'आदर करना'
दो ऐसे गुण हैं
जो समाज में आपका 'क़द' ऊंचा कर देते हैं
इन्हें 'सदैव' अपने साथ रखें।
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झुकना जरूर
लेकिन
उनके सामने
जिनके 'दिल' में आपको 'झुकते' देखने की
ज़िद' न हो।
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हित चाहने वाला पराया भी अपना है,
और अहित करने वाला अपना भी पराया है।
रोग अपनी देह में पैदा होकर भी हानि पहुंचाता है,
और औषधि वन में पैदा होकर भी हमारा लाभ ही करती है।
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गलत
लोगों की 'जीत'
उसी समय 'तय' हो जाती है
जब
'सही' लोग 'चुप' हो जाते हैं।
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अगर कोई
आपके रास्ते में 'गड्ढ़ा' खोदे
तो 'परेशान' मत होना
क्योंकि
यह वही लोग हैं
जो आपको 'छलांग' लगाना सिखायेंगे।
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कभी कभी
'बदला' लेने से ज्यादा
'बदल' जाने में 'आनंद' आता है।
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दिखावे के लिए
बड़े लोगों में बैठकर
अपने को 'जलील' करने से बेहतर है
'अपनों' में 'नवाबों' की तरह रहा जाय।
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अरमान उतने ही अच्छे
जहाँ..,
स्वाभिमान बेचने की
ज़रूरत ना पड़े..!
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_*कोयल अपनी भाषा बोलती है*,_
_*इसलिये आज़ाद रहती हैं*._
*किंतु तोता दूसरे कि भाषा बोलता है*
_*इसलिए पिंजरे में जीवन भर*_
_*दुसरो का गुलाम* *रहता है*._
_अपनी भाषा,_
_अपने विचार और_
अपने आप' पर विश्वाश करें..।
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हमारी खुशी हमारी सोच पर निर्भर है
हम शिकायत कर सकते हैं कि गुलाब की झाड़ियों में कांटें हैं
.... या खुश हो सकते हैं कि काँटों की झाड़ियों में गुलाब हैं..
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